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Unit V - Mathematics

Probability

संख्‍याऐं एवं प्रकार (Numbers and its type), इकाई मापन की विधियॉ (Methods of Unit Measurement), समीकरण एवं गुणनखंड (Equations and Factors), लाभ हानि (Profit Loss), प्रतिशत (Percentage), साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्‍याज (Simple and Compound Interest), अनुपात-समानुपात (Ratio Proportion)

सांख्यिकी (Statistics):- प्रायकिता (Probability), केन्‍द्रीय प्रवृति (माध्‍य, माध्यिका, एवं बहुलक) एवं विचरणशीलता की माप {Measurement of Central Tendency (Mean, Mode, Median) and Variance}, प्रादर्श की माप, प्रादर्श के प्रकार (Types of Sampling)

प्रायिकता (Probability)

1.1 प्रायकिता की अवधारणा में उपयोग होने वाले पद (Terms to be used in the concept of Probability)

प्रायिकता (Probability) की अवधारणा को समझने के पूर्व प्रायिकता से सम्‍बंधित कुछ पदों (terms) को समझना आवश्‍यक है।

 

यादृच्छिक रूप से (At random): निष्पक्ष रूप से किया गया (Unbiased)

 

परिणाम (Outcomes): प्रत्‍येक यादृच्छिक अभिप्रयोग (trial or experiment) के कतिपय परिणाम (outcomes) होते हैं, जैसे सिक्‍का उछालना एक प्रयोग है जिसके सभी संभव परिणाम वास्‍तव में दो ही परिणाम हैं, चित (head) या पट (tail)। या एक दूसरे उदाहरण में, किसी पासे (dice) को उछालने पर उसके छ: फलकों (1, 2, 3, 4, 5, 6) में से किसी एक का आना एक परिणाम है, अर्थात किसी पासे (die) को उछालने पर उसके छ: संभव परिणाम हैं।

यदि किसी अनुप्रयोग को दो बार किया जाता है, तो कुल संभव परिणाम

= (प्रथम बार घटित घटना के समस्‍त संभव परिणाम)^2

यदि किसी अनुप्रयोग को n बार किया जाता है, तो कुल संभव परिणाम

= (प्रथम बार घटित घटना के समस्‍त संभव परिणाम)^n

परोक्‍तानुसार वर्णित एवं कतिपय अन्‍य परिणामों को प्रायिकता के प्रश्‍नों में लिखे जाने की प्रथा को समझिये:

 

अभिप्रयोग: सिक्‍का उछालना

परिणाम:        E1 = चित्‍त (H) आना

                    E2 = पट (T) आना

 

अभिप्रयोग: पासा उछालना

परिणाम:        E1 = (1), E2 = (2), E3 = (3), E4 = (4), E5 = (5), E6 = (6)

 

अभिप्रयोग: दो सिक्‍के उछालना, अर्थात कुल परिणाम = 2^2 = 4

परिणाम:        E1 = (HH), E2 = (HT), E3 = (TH), E4 = (TT)

 

अभिप्रयोग: दो पासे उछालना , अर्थात कुल परिणाम = 6^2 = 36

          (1, 1)               (1, 2)                (1, 3)               (1, 4)               (1, 5)                (1, 6)

          (2, 1)               (2, 2)               (2, 3)               (2, 4)               (2, 5)               (2, 6)

          (3, 1)               (3, 2)               (3, 3)               (3, 4)               (3, 5)               (3, 6)

          (4, 1)               (4, 2)               (4, 3)               (4, 4)               (4, 5)               (4, 6)

          (5, 1)               (5, 2)               (5, 3)               (5, 4)               (5, 5)               (5, 6)

          (6, 1)               (6, 2)               (6, 3)               (6, 4)                    (6, 5)               (6, 6)

समष्टि प्रतिदर्श (Sample Space):

यादृच्छिक परीक्षण के सभी संभावित परिणामों का समुच्चय उस परीक्षण का समष्टि प्रतिदर्श (Sample Space) कहलाता है। समष्टि प्रतिदर्श को संकेत S द्वारा प्रकट किया जाता है।

 

प्रारंभिक घटना (elementary event): एक यादृच्छिक अभिप्रयोग के परिणाम को एक प्रारंभिक घटना (elementary event) कहा जाता है।

 

सम्‍प्रायिक घटनाऐं (Equally Likely Events): जब किसी यादृच्छिक अभिप्रयोग में एक घटना के घटित होने की संभावना (प्रायिकता) किसी दूसरी घटना के घटित होने की संभावना को बाधित नहीं करती है, तो घटनाओं को समान रूप से होने वाली घटनाओं या सम्‍प्रायिक घटनाओं के रूप में जाना जाता है। उदाहरण किसी निष्‍पक्ष सिक्‍के के उछालने पर चित या पट आना सम्‍प्रायिक घटनाऐं हैं।

 

अनुकूल घटनाएँ/ परिणाम (Favorable events/ outcomes): वे परिणाम जो किसी अनुप्रयोग में किसी घटना के घटित होने को आवश्यक बनाते हैं, अनुकूल घटनाऐं/ परि‍णाम के रूप में जाने जाते हैं।

उदाहरण के लिए; यदि दो पासे फेंके जाते हैं, तो दोनों पासों के फलकों की संख्‍या के योग के 5 होने की अनुकूल घटनाओं की संख्या चार है, अर्थात, (1, 4), (2, 3), (3, 2) और (4, 1)। या एक अन्‍य उदाहरण में, एक अच्छी प्रकार से फेंटी गई ताश के 52 पत्तों की एक गड्डी में से एक पत्ता निकाला जाता है। तब इसके एक फेस कार्ड (गुलाम, बेगम, बादशाह) होने की अनुकूल घटनाओं की संख्‍या 12 है क्‍योंकि चारों प्रकार के ताश-समूह अर्थात हुकुम (Spade), पान (Heart), ईंट (Diamond) और चिड़ी (Club), प्रत्‍येक में तीन फेस कार्ड होते हैं।

1.2 प्रायिकता या संभावना (Probability):

 

प्रायिकता (probability)  का गणितीय सिद्धांत यादृच्छिक घटनाओं (random events) में होने वाले व्‍यवहार से संबंधित है. एक परीक्षण (experiment) का एक यादृच्छिक परिणाम (random outcome) होगा यदि प्रयोग के परिणामों की एक निरपेक्ष निश्चितता के साथ भविष्यवाणी नहीं की गई हो। एक प्रयोग के एक परिणाम के रूप में किसी घटना का उद्भूत होना तब स्‍थापित होता है जब यह ऐसे प्रयोग के वास्तविक परिणामों में से हो। ऐसे अलग-अलग परिणाम जो एक घटना के घटक हैं, ऐसी घटना के लिये ‘’अनुकूल’’ (favorable) कहे जाते हैं।

घटनाक्रम की निश्चितता का मापने के उपाय को प्रायिकता कहा जाता है.

अब इस जटिल परिभाषा को निम्‍नानुसार तालिका में दिये गये सरल और सहज उदाहरणों से समझें:

1.JPG

यादृच्छिक परीक्षण क्‍या होता है? हम ऐसे अनेक प्रायोगिक परीक्षण करते हैं जिन्हें उन्‍हीं समान परिस्थितियों में दोबारा करने पर परिणाम पूर्ववत नहीं आता है. उदाहरणार्थ, उपरोक्‍तानुसार वर्णित परीक्षणों में परीक्षण में पहला व दूसरा परीक्षण समान है, पर वांछित घटना भिन्‍न है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में हम यह निश्चित नहीं कह सकते कि वास्तविक परिणाम क्या होगा? इस प्रकार के परीक्षण को यादृच्छिक परीक्षण कहा जाता है।

अतः एक यादृच्छिक परीक्षण को निम्नलिखित दो प्रतिबंधों को पूर्ण करना आवश्‍यक है:

  1. ऐसे परीक्षण के एक से अधिक परिणाम होने चाहिये (एक परीक्षण से यदि एक ही घटना की उत्‍पत्ति होगी, तो ऐसी घटना के घटने की प्रायिकता 1 होगी).

  2. ऐसे परीक्षण के पूर्व संभावित घटनाओं के घटने के परिणाम बताना असंभव हो.

(परीक्षण के संदर्भ से आशय यादृच्छिक परीक्षण से होगा)

1.JPG
  • किसी भी अनुप्रयोग में किसी घटना के होने की अधिकतम प्रायिकता 1 होती है, अर्थात ऐसी घटना को निश्चित घटना कहा जा सकता है। घटना के न होने की अर्थात असंभव घटना की प्रायिकता 0 होती है। अत:, 0 ≤ P(E) ≤ 1

  • किसी अनुप्रयोग की सभी प्रारंभिक घटनाओं की प्रायिकताओं का योग 1 होता है।​

1.JPG

1. ताश के 52 पत्तों की एक गड्डी में से एक पत्ता यादृच्छिक रूप से निकाला जाता है। क्या प्रायिकता है कि निकाला गया पत्‍ता एक फेस कार्ड (गुलाम, बेगम, बादशाह) है? (A) 3/13        (B) 3/14                      (C) 2/9                        (D) 2/13

 

ताश के कुल 52 पत्‍तों में 4 x3 = 12 फेस कार्ड हैं। अत:, वांछित प्रायिकता = 12/52 = 3/13. विकल्‍प (A) उत्‍तर है.

 

2. एक पांसे को दो बार उछाला जाता है। दो फलकों  (faces) के अंकों का योग 5 होने की क्या प्रायिकता है?

 

स्‍पष्‍टत: समष्टि प्रतिदर्श में 6x6 = 36 परिणाम हैं, और उनमें से प्रश्‍नानुसार अनुकूल परिणाम 4 हैं, जो हैं:

(1, 4), (2, 3), (3, 2), (4, 1). अत: वांछित प्रायिकता = 4/36 = 1/9

 

3. दो पासों के एक साथ फेंकने में, एक युगल प्राप्त करने की प्रायिकता क्या है?

(A) 1/6                        (B) 3/8                        (C) 2/9                        (D) 2/3

दो पासा के एक साथ फेंकने में, कुल परिणाम 6 x 6 = 36 होंगे, और युगलों की संख्या 6 अर्थात (1, 1), (2, 2), (3, 3), (4, 4) ), (5, 5), (6, 6) होगी। अत: वांछित प्रायिकता = 6/36 = 1/6. विकल्‍प (A) उत्‍तर है।

4. दो पासे एक साथ फेंके जाते हैं। क्या प्रायिकता है कि दो फलकों (faces) के अंकों का योग 4 या 6 से विभाजित है?

A. 4/7                    B. 7/18           C. 7/15           D. 3/8

 

स्‍पष्‍टत: समष्टि प्रतिदर्श में 6x6 = 36 परिणाम हैं, और उनमें से प्रश्‍नानुसार अनुकूल परिणाम वे होंगे जिन पर अंकों का योग 4, 6, 8 या 12 होगा; और ये परिणाम 14 हैं, जो हैं: 

(1, 3), (3, 1), (1, 5), (5, 1), (2, 2), (2, 4), (4, 2), (2, 6), (6, 2), (3, 3), (3, 5), (5, 3), (4, 4), (6, 6)

अत: वांछित प्रायिकता = 14/36 = 7/18. विकल्‍प (B) उत्‍तर है।

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